Tuesday, April 22, 2025

पत्रकारों के हितों की सुरक्षा में "संयुक्त पत्रकार महासभा" एक नई उम्मीद

पत्रकारों के हितों की सुरक्षा में "संयुक्त पत्रकार महासभा" एक नई उम्मीद

मुजफ्फरनगर। भारत सरकार द्वारा पंजीकृत संयुक्त पत्रकार महासभा, पत्रकारों के अधिकारों और हक़ों की आवाज़ उठाने हेतु एक महत्वपूर्ण सदस्यता अभियान चला रही है। यह संयुक्त पत्रकार महासभा न केवल पत्रकारों को एकजुट करने का कार्य कर रही है, बल्कि उनके मुद्दों को सरकार तक पहुँचाने में भी संलग्न है। 

इस संयुक्त पत्रकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सरताज अहमद, जो मुजफ्फरनगर के निवासी हैं, उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व और अपार प्रयासों के माध्यम से पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक नई दिशा दी है। सरताज अहमद की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने संयुक्त पत्रकार महासभा को एक मजबूत मंच प्रदान किया है, जहां पत्रकार अपनी समस्याओं को साझा कर सकते हैं और उनके समाधान के लिए कलेक्टिवली  प्रयास कर सकते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने न केवल संयुक्त पत्रकार महासभा की संरचना को सुदृढ़ किया है, बल्कि पत्रकारों के लिए एक आशा की किरण भी प्रदान की है।

संयुक्त पत्रकार महासभा की व्यापक पहल ने देशभर से पत्रकारों को एक मंच पर लाकर उनकी समस्याओं को समझने और समाधान खोजने का प्रभावी प्रयास किया है। अब तक लगभग 500 पत्रकार विभिन्न जनपदों और राज्यों से इस महासभा में शामिल हो चुके हैं, जो दर्शाता है कि इस संगठन ने पत्रकारों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उन्हें एक ठोस सहारा प्रदान किया है। 

सरताज अहमद के नेतृत्व में, संयुक्त पत्रकार महासभा ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों के साथ संवाद स्थापित करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। हाल ही में, किसानों के मसीहा नरेश टिकैत और कई पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को सम्मान पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया है। यह कदम पत्रकारों की महत्वता और उनकी समस्याओं को समाज में उजागर करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।

इसके अलावा, कैराना से स्वतंत्र पत्रकार गुलवेज आलम भी महासभा में राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी के पद पर विराजमान हैं। उनके नेतृत्व में, संयुक्त पत्रकार महासभा ने मीडिया से जुड़ी चुनौतियों को समझने, उन पर विचार-विमर्श करने और योग्य समाधान निकालने का कार्य किया है। गुलेवेज आलम की सक्रियता और ज्ञान पत्रकारों की आवाज़ को और भी गतिशील बनाने में मदद कर रहा है।

संयुक्त पत्रकार महासभा ने यह साबित कर दिया है कि पत्रकारिता केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह समाज का दर्पण है। इस संगठन के माध्यम से, पत्रकारों की समस्याएँ उठाई जा रही हैं, और यह संगठन उनके हक़ की लड़ाई में एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है। 

सरताज अहमद के अद्वितीय नेतृत्व और उनकी लगातार मेहनत के कारण, संयुक्त पत्रकार महासभा ने पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए जी-जान से संघर्ष किया है। संयुक्त पत्रकार महासभा ने केवल आवाज़ उठाई है, बल्कि पत्रकारों को समाधान की दिशा में प्रेरित करने का कार्य भी किया है। 

सरकारी अधिकारियों और अन्य उल्लेखनीय व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर, सरताज अहमद और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि पत्रकारों के मुद्दे गंभीरता से लिए जाएं। इस प्रकार, संयुक्त पत्रकार महासभा पत्रकारों के हक़ों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। 

इस संयुक्त पत्रकार महासभा के प्रयासों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद है। अब समय है कि सभी पत्रकार इस संयुक्त पत्रकार महासभा के साथ खड़े हों और एकजुट होकर अपनी आवाज़ को और भी मजबूती प्रदान करें। सरताज अहमद और उनकी टीम के इन प्रयासों की सराहना करते हुए, हम सभी को एकजुट होकर इस आंदोलन का समर्थन करना चाहिए, जिससे पत्रकारिता की गरिमा और उनके अधिकारों की रक्षा की जा सके।