Saturday, May 11, 2024

ग्रामीण समाज विकास केंद्र की और ब्लॉक के समस्त स्टाफ व कर्मचारियों के साथ क्षय पर समीक्षा बैठक की गई।

मेरठ/दौराला। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौराला पर ग्रामीण समाज विकास केंद्र  की और  से चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में ब्लॉक के समस्त स्टाफ वे कर्मचारियों के साथ क्षय पर समीक्षा बैठक की गई मेरठ संस्था के सचिव मेहरचंद ने बताया भारत को वर्ष 2030 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर केंद्र सरकार के संकल्प को साकार करने के लिए संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र द्वारा मेरठ जिले के दौराला व मवाना ब्लाक में 1जनवरी 2024 से परियोजना एमप्रूविंग टीबी प्रोवेशन एक्सेस टू ट्रीटमेंट एंड केयर क्षय रोग पर कार्य कर रही है इसी कड़ी में शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौराला में ब्लॉक के स्टाफ वे समस्त कर्मचारियों के साथ  क्षय रोग समाप्ति हेतु न्यूनतम समर्थन एकीकृत प्रयास के लिए  समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसमें  ब्लॉक दौराला के समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्षय रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और संभावित TB मरीजों की खोज करने के लिए प्रेरित किया गया इसके साथ ही क्षय रोग के लक्षण बचाव तथा उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा की गई l मीटिंग में चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सचिन कुमार ने बताया कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में टीबी रोग की निशुल्क जांच एवं उपचार की व्यवस्था है l इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सरकारी अस्पताल से लाभ ले सकता है l दौराला सीएचसी टीबी यूनिट के इंचार्ज विकास कुमार ने बताया कि हमारी यूनिट में टीबी जांच की सभी व्यवस्था उपलब्ध है और बताया कि सरकार टीबी रोगी को ₹500 हर महा डीबीटी के माध्यम से देती है और क्षय रोग के लक्षण एवं उपचार के बारे में भी चर्चा की संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर श्रीमती रेशमा ने संस्था का परिचय देते हुए फील्ड मोबिलाइजर के बारे में बताया कि हमारे फील्ड मोबिलाइजर ट्यूबरक्लोसिस पर 25 गांव मवाना और 25 गांव दौराला में काम कर रहे हैं और हर गांव में रिसोर्स ग्रुप गठित किए गए हैं और जगह-जगह बैठकें की जा रही है हेल्थ कैंप लगवाएं जा रहे हैं एडवोकेसी कर रहे हैं रिसोर्स ग्रुप को डॉट सेंटर से जोड़ रहे हैं रिसोर्स ग्रुप  को क्षय  रोग के प्रति जागरूक कर रहे हैं सरकार के स्वास्थ से जुड़े अन्य कार्य योजनाओं  में भी सहयोग कर रहे हैं  टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके प्रति लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है  l 
टीबी के लक्षण -
दो हफ्तों से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ खून या बलगम आना, छाती में दर्द रात के समय पसीना आना, वजन का घटना, थकान आना आदि
इस अवसर पर संस्था की ओर से प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर  रेशमा, काउंसलर राहुल सिंह, धर्मेंद्र सिंह स्वास्थ्य विभाग की तरफ से  चिकित्सा अधीक्षक  डॉ सचिन कुमार, STS  विकास शर्मा, LMO  डॉ ज्योति BPM ,BCPM  मौजूद रहे।