Saturday, March 9, 2024

ना घबराना तू कभी मौसम की मार से..


शब्द संसार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच,मुजफ्फरनगर के द्वारा महिला दिवस व महाशिवरात्रि पर्व के सुअवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रुड़की से वरिष्ठ साहित्यकार  डॉ.श्री गोपाल नारसन जी  की अध्यक्षता में संस्था की सचिव मनु श्वेता 'मनु' द्वारा माँ सरस्वती की वंदना सुनाकर किया गया एवं अपने खूबसूरत संचालन से कार्यक्रम को सफलता प्रदान की ।

मेरठ से विशिष्ट अतिथि डॉ.रविकांत सरल जी ने महिला दिवस मनाए जाने की विस्तृत जानकारी के साथ ही महाशिवरात्रि पर्व को मनाने के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपने  महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये।

कवयित्री पुष्पारानी जी ने नारी की गरिमा को वर्णित करती रचना पढ़ी-
"है गर्व हमे तुम पर नारी
तुम हो एक वृक्ष सम नारी
डाली डाली है हरी भरी
जो शुद्ध फलों से लदी फदी
देकर कि फल जो गिनती नहीं
ममता की मूरत हो ऐसी।"

श्री गोपाल नारसन जी ने पहाड़ी स्त्री की पीड़ा को अपने शब्दों में कुछ यूं उकेरा..
"भूख से बिलखते बच्चों के सामने,वह हर रोज रोती है,फिर आंसू पोछती है,ताकि उठ खड़ी हो सके,भूखे बच्चों व निठल्ले पति का पेट भरने के लिए,एक मां व एक पत्नी का फ़र्ज़ निभाने के लिए।"
राकेश दुलारा जी ने अपनी रचना के माध्यम से बेटियों के जन्म लेने को बहुत ही सुंदर ढंग से शब्दों में पिरोकर सुनाया।
"चांद के चांदनी से जगमग रात हो गई
हमे खुदा से एक नई सौगात मिल गई
घर में आई है जुड़वा बिटिया लक्ष्मी बनकर
जीवन में खुशियों की बरसात हो गई।

हरबर्टपुर उत्तराखंड से उपस्थित पूनम शर्मा जी ने अपनी रचना के माध्यम से दिल को छूने वाली रचना पढ़ी।

"तुम लाख दुहाई दो रिश्तों 
की सब कान के बहरे।
 होते हैं हाथी के दांतों
 की माफिक इनके भी 
चेहरे होते हैं।
 मैं ज़िंदा हूं उन रिश्तों
 में जो मरे हुएं पर,
 ज़िंदा है ।
ना आंखों में शर्म इन्हें
 न करनी पर शर्मिन्दा है ।।"

समाज सेविका एवं भजन गायिका गीता ठाकुर ने भोले बाबा का बहुत सुंदर भजन प्रस्तुत किया।

"भोले बाबा ने हमारी मौज कर दी
हरे गुलाबी नोटो से हमारी जेब भर दी।"
 सहारनपुर से विजय त्यागी "माशारत्ती" ने स्त्री के टूटते बिखरते सपनों को बड़े ही मर्मस्पर्शी ढंग से सुनाया।

"छोटी आँखों वाली लड़कियां
देखती है सपने बड़े
शाम ढले और दिन चढ़े
आंखों के दोनों छोर से"

कवयित्री पायल मलिक ने शिव भहजन एवं नारीबोध की रचना सुनाकर सभी का मन मोह लिया।
सचिव मनु श्वेता 'मनु' ने  शिव वंदना सुनाई।

"तुम शिव हो,तुम सुंदर हो
सत्य हो,शाश्वत हो
सबके प्राणाधार हो।
तुम वंदनीय,तुम पूजनीय
तुम सन्यासी 
तुम ही संहारक हो।"
अंत में संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डॉ.सविता वर्मा 'ग़ज़ल' ने नारी विमर्श पर अपनी रचना।
"ना घबराना तू कभी,मौसम की मार से,
विचलित ना होना तू कभी देश के गद्दार से।।
" सुनाकर
सभी उपस्थित साहित्यकारों का धन्यवाद करते हुए सभी को महाशिवरात्रि पर्व एवं महिला दिवस की बधाई दी।