भास्कर तिवारी
सूबे के मुखिया एक तरफ भृष्टाचार को लेकर सख्त नज़र आ रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव के विकासखंड सफीपुर की ग्राम पंचायत ओसिया में विकास के लिऐ भेजे गए धन का सही उपयोग। प्रधान व सचिव ने नही किया, ग्राम पंचायत ओसिया का मामला फिर प्रकाश में आया जहां पर ओसिया गांव निवासी शिव प्रताप सिंह पुत्र श्याम कुमार सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी उन्नाव को 12 बिंदुओं पर जांच करवाने के लिए ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायती पत्र दिया था जिसमें मुख्य विकास अधिकारी महोदय ने टीम गठित करके जिला विकास अधिकारी महोदय जे. ई आर. ई. डी एफ 84 उन्नाव को संयुक्त रूप से जांच करवाने के लिए नामित कर दिया था शिकायतकर्ता ने बताया कि जिन बिंदुओं पर जांच करनी थी उन बिंदुओं पर जांच ना कर के अपनी मनमानी की गई है, ना ही अभी तक रिकवरी का पैसा जमा करवाया गया है शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जिन जिन कार्यों में अधिक पैसा गबन किया गया था उन कार्यों की जांच नहीं हुई है बल्कि जो छोटे लागत वाले कार्य है उन कार्यों को जांच पूर्ति दिखाकर प्रधान प्रशान्त कुमार, सचिव उत्तम अवस्थी, को जांच की आंच से बचाकर खुला छोड़ दिया है शिकायत कर्ता ने बताया पचासों लाख का गबन हुआ है जिसमें जांच में रिकवरी केवल 1 लाख,58 हजार 2 सौ 48रुपए ही गवन दिखाया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह गड़बड़ी की शिकायत पहले ब्लाक स्तर पर बीडीओ से किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद जिला मुख्यालय पर भी इसकी शिकायत की लेकिन उच्च अधिकारियों ने सिर्फ फार्मेल्टी अदा कर मामले को ठंडे बस्ते मे बन्द कर दिया, शिकायत कर्ता शिव प्रताप सिंह ने बताया अगर निष्पक्ष तरीके से जांच नही हुई तो वह लोकायुक्त मे शिकायत करेंगे , अगर बार बार शिकायत करने पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई तो इसमें ग्राम प्रधान से लेकर कई अधिकारियों की मिली भगत है।