मुजफ्फरनगर। सरकार द्वारा आनन-फानन में लोकसभा के अंदर कुछ कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव लाया गया व विपक्ष की गैरमौजूदगी व बिना चर्चा के पास कर लिया गया जिसमें एक हिट-एंड-रन कानून की चर्चा बहुत जोर पकड़ रही है व व्यावसायिक भारी वाहन चालकों सहित आमजन के मन में शंका उत्पन्न हो रही है कि गलती से कोई दुर्घटना होने पर नये कानून के तहत घायल को उपचार हेतु पहुंचाने के दौरान मोबलिंचिंग जैसे खतरों के सामना करेंगे अथवा 10 साल की सजा व भारी भरकम जुर्माने का सामना करना होगा इस संबंध में महावीर चौक समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पहुंचे कुछ व्यावसायिक वाहन चालकों से समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधानपरिषद प्रत्याशी गौरव जैन व जिला मीडिया प्रभारी साजिद हसन की चर्चा हुई व उनका पक्ष भी सुना।
पूर्व विधानपरिषद प्रत्याशी गौरव जैन ने बताया कि निश्चित ही आम जनमानस की सुरक्षा अतिआवश्यक है लेकिन उसके लिये गरीब का शोषण किया जाये यह जरूरी नही बिना जनचर्चा के कानून लाना सही नही है,सरकार की कार्यप्रणाली बन गयी है बिना पूरी तैयारी किये कभी किसान कभी गरीब मजदूर व अब वाहन चालकों के लिये नियम कानून बना दिये जाते है फिर विरोध के चलते वापस लेने पड़ते है हिट-एंड-रन कानून को लेकर भी भाजपा सरकार ने "फिलहाल" रोक लगाने का मौखिक वायदा कर दिया है लेकिन जो कानून संसद से पास हो चुका है वो अभी वापिस नहीं लिया गया है इसका मतलब भाजपा सरकार की नियत ठीक नहीं है,वो फिर से ये काले कानून लागू कर सकती है ,चूंकि चुनाव सर पर है इसीलिए आनन फानन में कानूनों पर फौरी रोक का फौरी वायदा कर दिया है व आमजन को शंका है कि भविष्य में अगर भाजपा की सरकार बनी तो कृषि कानून समेत अन्य तमाम काले कानून लागू करेगी जो गरीब और मध्य वर्ग जनता के खिलाफ और भाजपा को चंदा दे रहे चंद पूंजीपतियों और विदेशी कंपनियों के फायदे में होंगे भाजपा विदेशी कंपनियों और बड़े पूंजीपतियों की हितैषी और गरीब ,मध्य वर्ग की जनता के खिलाफ वाली पार्टी है गरीब और मध्य वर्ग को ये झूठ बोलकर फंसाते हैं ,चुनाव जीतते हैं और फिर काले कानून पास करते हैं ततपश्चात चुनावी वादों को जुमला कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं गौरव जैन ने कहा कि ऐसे तानाशाही निर्णयों के विरुद्ध हम हमेशा गरीब,मजदूर,किसान,नोजवान,महिलाओं,व्यापारी,छात्र सहित जनहित में समाज के हर वर्ग के साथ हर हाल खड़े है व जनमानस के अधिकारों के लिये आगे भी लोकतांत्रिक तरीको से लड़ते रहेंगे ।