लखनऊ। कोविड के नए वैरिएंट जेएन-1 को लेकर शुक्रवार को शासन ने सभी सरकारी, निजी अस्पतालों के साथ ही सीएमओ को नई गाइडलाइन जारी कर दी। इसके तहत इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों, खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की कोविड जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव पाए जाने पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूना केजीएमयू भेजा जाएगा। नई गाइडलाइन के तहत खांसी, जुकाम, बुखार व श्वांस संबंधी रोगियों पर विशेष तौर पर नजर रखी जाएगी। इन मरीजों की जब तक कोविड रिपोर्ट नहीं आती है तब तक आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाएगा। चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) यानी इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआई) यानी गंभीर किस्म के श्वसन तंत्र के संक्रमण के मामलों में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी।
*भीड़ वाले स्थानों पर जाएं तो लगाएं मास्क*
क्रिसमस व नए वर्ष की पूर्व संध्या पर होटल, रेस्त्रां व मॉल में लोगों की भीड़ जुटेगी। इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका है। इसको देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लोगों से भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने की अपील की है। मास्क लगाने पर जोर दिया है, ताकि कोविड के प्रसार को रोका जा सके।
*निजी अस्पतालों को भी करना होगा गाइडलाइन का पालन*
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है निजी अस्पतालों को भी कोविड की नई गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों को कहा गया है कि खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखें। उनकी कोविड जांच कराएं। रिपोर्ट आने तक कोविड प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से पालन किया जाए।