Wednesday, November 29, 2023

महिला ग्राम प्रधान की शक्तियों का इस्तेमाल बिना किसी अधिकार , कर रहे प्रधानपति।

अभिषेक चौधरी 
शामली। काफी गांवों में यह देखने को मिल रहा है कि जिन गांवों में महिला ग्राम प्रधान है, वहां पे प्रधानपति ही ग्राम पंचायत को चला रहे है।महिला ग्राम प्रधान की केवल रबर स्टाम्प चलती है।प्रयागराज हाईकोर्ट  ने प्रधानपति के महिला ग्राम प्रधान के कार्यों में हस्तक्षेप पर सख्त रुख अपनाकर एक आदेश प्रमुख सचिव पंचायत  को भेजा है,और यह कहा कि इस आदेश को सभी ग्राम प्रधानों को प्रेषित किया जाए।कोर्ट ने जिलाधिकारी बिजनौर को निर्देश दिया कि मदपुरी ग्राम सभा के कार्य में प्रधानपति सुखदेव सिंह हस्तक्षेप ना करे। मदपूरी महिला ग्राम प्रधान करमजीत कोर ही ग्राम पंचायत के सारे कार्य करे व बैठकों में भाग ले।इसके अतिरिक्त राज्य निर्वाचन आयोग को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिए की भविष्य में नामांकन के समय ही महिला प्रत्याशी से इस बात का हलफनामा ले की महिला ग्राम प्रधान के कार्य में उनके पति हस्तक्षेप नहीं करेगे।
इस आदेश के बाद प्रधानपतियो में खलबली मची हुई है।।कुछ चर्चित ग्राम प्रधान तो ऐसे है की ब्लॉक की मीटिंग में भी अधिकारियों के साथ बैठते है और हर समय ब्लॉक में ही डेरा डाले रहते है जबकि महिला ग्राम प्रधान कई कई महीने नहीं ब्लॉक में  नहीं जाती है।कुछ महिला ग्राम प्रधानों ने कोर्ट के इस आदेश की तारीफ की है।कोर्ट ने कहा कि महिला प्रधान को अपनी शक्ति अपने पति या अन्य किसी को डेलीगेट करने का अधिकार नहीं है।कोर्ट ने कहा कि ऐसे तो महिला सशक्तीकरण का राजनीतिक उद्देश्य विफल हो जाएगा।कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में बहुत सी महिला ग्राम प्रधान है जो अच्छा कार्य कर रही है।
अब ऐसे ग्राम प्रधानो में खलबली मच गई है जिनकी सुबह की पहली चाय भी ब्लॉक में और थानों में पी जाती थी।