अभिषेक चौधरी
शामली। क्षेत्र के गांव मंडावर मामोर नगला राई में रेत खनन का पट्टा लेकर रेत खनन किया जा रहा है . सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार रात्रि के समय यमुना नदी में रेत और बालू का खनन नहीं किया जा सकता है. और ना ही यमुना की जलधारा को मोड़कर खनन किया जा सकता है. बड़ी-बड़ी पोर्कलेन मशीनों से भी रेत और बालू खनन नहीं किया जा सकता है. लेकिन इन सभी नियमों को दरकिनार कर रेत खनन. बालूखनन किया जा रहा है इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है. यमुना नदी का तटबंध दिन रात छलनी किया जा रहा है. इस कारण कई बार इन गांव में बरसात के समय बाढ़ का खतरा मंडरा आ चुका है. खनन से हुए बड़े-बड़े गड़ढ़ों में डूबने से कई बार निर्दोष युवक अपनी जान गवा चुके हैं आखिर यह मौत का खूनी खेल कब खत्म होगा अवैध खनन से बने इन यमुना के कुंडो में डूब कर कब तक निर्दोष जनता अकाल मौत मरती रहेगी . आखिर इस अवैध रेत खनन के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. बड़े-बड़े ट्रक और डंपर में से मानक से बहुत ज्यादा बहुत ज्यादा मात्रा में रेत भरने से गांव की सड़कों का बहुत नुकसान हो रहा है है. शहर से आने वाले गांव के सभी संपर्क मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. गांव के सैकड़ो ग्रामीण सैकड़ो बार खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं. क्योंकि अवैध खनन से गांव में बरसात के समय बाढ़ का खतरा हो जाता है।