मुजफ्फरनगर। गांधी जयंती के अवसर पर पूर्व राज्यपाल वीरेंद्र वर्मा की स्मृति में बनाया गया वीरेंद्र वर्मा विचार मंच के द्वारा 28 साल से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध दुनिया का सबसे लंबे धरने बैठे मास्टर विजय सिंह को स्मृति चिन्ह और पटका शाल पहनकर सम्मानित किया गया। सम्मानित किया उन्हें यह पुरस्कार गांधी जी व वीरेंद्र वर्मा जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाना तथा सार्वजनिक जीवन में ईमानदार रहकर अहिंसात्मक सत्याग्रह चलाने पर दिया गया तथा . मास्टर विजय सिंह 28 साल के लम्बे धरने में ईमानदार रहे हैं आज शिव चौक धरना स्थल पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिनकी अध्यक्षता आनंद प्रकाश त्यागी ने की संचालन उमा दत्त शर्मा ने किया। जिस प्रकार वीरेंद्र वर्मा जी ने राजनीति में ईमानदारी व नैतिक मूल्यों के खिलाफ समझौता नहीं किया इस प्रकार मास्टर विजय सिंह तमाम कठिनाइयों झेलते हुए भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध लगातार ईमानदारी संघर्ष करते हुए धरना का एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है जो एक मिसाल है उन्होंने गांधी जी व वर्मा जी के सिद्धांतों का सार्वजनिक जीवन में पालन किया है. उनके 28 साल के गांधी जी सत्य व अहिंसात्मक आंदोलन की तर्ज पर चल रहे धरने और तथा उन्हें आज का गांधी बताया। इस अवसर पर चौधरी देवी सिंह ने ने कहा मास्टर विजय सिंह 28 साल से कचहरी व शिव चौक धरने पर खुले में बैठे हैं उनका जीवन निर्विवाद व ईमानदार है उनके के कपड़ों पर वीरेंद्र वर्मा जी की तरह कोई दाग नहीं है उनके सार्वजनिक जीवन पर किसी की कोई शिकायत नही , उमा दत्त शर्मा ने कहा कि मास्टर जी ने 28 सालों से एक मुहिम चला रखी है भ्रष्टाचार के खिलाफ 28 सालों से अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं यह उनके बड़े ही साहस की बात है इतना लंबे समय से उनका धरना चल रहा है यह बड़ी बात है , ब्रजवीर सिंह एडवोकेट ने कहा मास्टर विजय सिंह को आंदोलन खत्म करने के लिए करोड़ों रुपए का लालच दिया गया परंतु वे अपने सत्य के मार्ग से विचलित नहीं हुए और अपने आंदोलन पर कायम रहे . रणवीर सैनी ने कहा वीरेंद्र वर्मा जी ने कभी अपराधियों को शरण नहीं दी थी आज के नेता गुंडे अपराधियों से सहयोग लेते हैं जो बहुत गलत है मास्टर विजय सिंह कभी किसी गलत आदमी को शरण नहीं देते। मास्टर विजय सिंह ने वीरेंद्र वर्मा विचार मंच के सदस्यों का आभार व्यक्त किया उन्होंने बताया मुझे टाउन हॉल में एक प्रोग्राम में वर्मा जी ने सन 2005 में सम्मानित करते हुए कुछ हिदायतें दी थी और समझाया था आज भी उनकी बातें मुझे याद है उनका अनुसरण करता हूं .वर्मा जी एक आदर्श राजनीतिक पुरुष थे उन्होंने अपने बेटे के बारे में भी सिफारिश नहीं की थी क्योंकि उसके दो नंबर कम थे ऐसे उदाहरण राजनीति में नहीं मिलते मुझे गर्व है ऐसे ईमानदार व्यक्तित्व के नाम का पुरस्कार मुझे दिया जा रहा है मैं उन्हें बार-बार श्रद्धांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
इस अवसर पर मंच के संरक्षक आनंद प्रकाश त्यागी, अध्यक्ष चौधरी देवी सिंह, संयोजक पंडित उमादत शर्मा, महासचिव बृजेश वीर सिंह, कोषाध्यक्ष यशपाल सिंह, रणधीर सैनी रोहित कौशिक महेश आर्य विजेंद्र सिंह कश्यप हाजी सरफराज, अनमोल जैन, ठा राजवीर सिंह, राजेंद्र त्यागी, राजवीर त्यागी , दीपक, सुदेश मलिक आदि लोग मौजूद रहे।