मुजफ्फरनगर। ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल में बालकों की शिक्षा और संस्कार के उन्नयन हेतु अभिभावक गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंध संचालक योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने कहा कि अच्छे गुणवान और संस्कारवान बच्चे ही माता-पिता और राष्ट्र का धन होते हैं। बालक की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है और प्रथम गुरु उसकी माता, दूसरा गुरु उसका पिता और तीसरा गुरु आचार्य अर्थात शिक्षक होता है। माता-पिता और आचार्य समाज के तीन प्रमुख स्तंभ है। इन तीनों का सदगुणी और सदाचारी होना अति आवश्यक है क्योंकि बालक इन्हीं को देखकर अच्छे या बुरे गुणों को धारण करता है। माता-पिता और आचार्य का जीवन आदर्श होना चाहिए तभी एक सभ्य और सुसंस्कारित समाज का निर्माण संभव है। वें बालक बहुत भाग्यशाली होते हैं जिनको अच्छे गुणवान माता-पिता मिलते हैं ।
अभिभावक नवाब सिंह ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता और शिक्षकों का आपसी तालमेल आवश्यक है। ऐसी गोष्ठियाँ विद्यालयों में समय-समय पर होती रहनी चाहिए ताकि माता-पिता और शिक्षक बालकों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आचरण में सुधार हेतु योजना बनाकर घर तथा विद्यालय दोनों जगह बालकों के लिए सकारात्मक माहौल तैयार कर सकें ।अभिभावक अरुण शर्मा ने कहा कि विद्यालय के साथ-साथ माता-पिता का भी बालकों की शिक्षा में सुधार हेतु महत्वपूर्ण योगदान है ।यदि माता-पिता अपने बालको को घर पर समय दे तो निश्चित रूप से बालकों की पढ़ाई में परिवर्तन देखने को मिलता है। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या सुदेश रानी ने कहा कि आज बालकों की पढ़ाई में टीवी, मोबाइल तथा घर का माहौल आदि अनेक बाधाएं है। अपने बालकों को टीवी और मोबाइल से दूर रखें। यदि हमें माता-पिता का सहयोग मिल जाए तो बालकों की शिक्षा में और अधिक सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने आगंतुक अभिभावकों का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया । इस अवसर पर काफी संख्या में अभिभावकों में भाग लिया जिसमें मुख्य रूप से राकेश पंवार, मोहित कुमार, पवन कुमार ,रामकिशन सैनी, नरेंद्र कुमार शर्मा, राजकुमार चौधरी, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद नईम त्यागी, श्रीमती लक्ष्मी, पिंकी ,हेमलता, कोमल ,रणबीरी आदि उपस्थित रहे।