Tuesday, September 5, 2023

शिक्षक माझी नाव किनारा शिक्षक डूबते के लिए सहारा।

मुजफ्फरनगर।
राजकीय इंटर कॉलेज के प्रांगण में शिक्षक दिवस समारोह उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। प्रधानाचार्य शैलेन्द्र त्यागी व उप प्रधानाचार्य नितिन कुमार सहित समस्त स्टाफ व छात्र छात्राओं ने   देश के द्वितीय राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया । प्रधानचार्य शैलेन्द्र तयगी ने कहा कज आज के दिन सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। जो एक शिक्षक थे तथा शिक्षा के लिए समर्पित थे। उनके स्मृति में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सभी छात्रों ने अपनी कक्षाओं को सजाया और अध्यापकों को शिक्षक दिवस की बधाई दी ।उपप्रधानाचार्य नितिन कुमार  ने बच्चों को डॉक्टर सर्वपल्ली जी के जीवन और उनकी उपलब्धियों के विषय मे जानकारी देते हुए उनके आदर्शों को अपने विद्यार्थी जीवन में उतरने के लिए प्रेरित किया ।स्कूल छात्रों द्वारा शिक्षकों को फूल और बधाई कार्डों के माध्यम से शिक्षक दिवस की बधाई दी ।शिक्षक अपने छात्रों को कल का जिम्मेदार नागरिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उनका आभार व्यक्त करने के लिए इस अवसर पर शानदार कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। मधुर गीतों, नृत्य और रोमांचक खेलों ने सभी के मन को मोह लिया।  प्रधानाचार्य शैलेन्द्र ने आज शिक्षक दिवस पर पूरे विद्यालय का संचालन छात्र व छात्राओं के सुपर्द किया प्रधानचार्य की भूमिका में कक्षा 12 टंकण के छात्र ईशु कुमार ने शानदार भूमिका निभाई तो रेखा ने प्रवक्ता गीता रानी की भूमिका में चार चांद लगा दिया सभी छात्र अपने अपने किरदार को जीवंत करने में लगे रहे। सभी ने डॉक्टर सर्वपल्ली और शिक्षकों के अपने जीवन में महत्व के बारे में अपने विचार रखें। टंकण के विषय विशेषज्ञ राजीव गोयल   ने विद्यार्थियों को बताया कि अपने शिक्षकों को इस दिन महंगे उपहार देना ही शिक्षक दिवस मनाना नहीं होता है अपने जीवन में आप डॉक्टर, इंजीनियर ,वैज्ञानिक, शिक्षक जैसे उच्च पदों को प्राप्त करें ,यही एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ा उपहार होता है । उन्होंने कहा कि शिक्षा ही है जो मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंच जाता है। जीवन में सही और गलत को परखने का तरीका बताता है ।विद्यालय में शिक्षा देने वाले शिक्षक ही गुरु नहीं होते है, हमारे जीवन में हर वह व्यक्ति हमारा गुरु है जो हमें हमारी गलतियों को सुधारने का अवसर देता है। टंकण ट्रेड के छात्रों ने अपने गुरु का वंदन व अभिनंदन कर गुरू परंपरा को जीवंत किया।