मोरना। माह रबिऊल अव्वल की 8वीं तिथि को 151 वर्षों से प्रतिवर्ष अरबईन की मजलिस का आयोजन ककरौली गांव में किया जा रहा है। रविवार को आयोजित अरबईन की मजलिस में क्षेत्र सहित दूरदराज से आए शिया अकीदतमंदों ने भारी संख्या में शिरकत की। महिलाओं ने बडी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। धर्मगुरू द्वारा किये गये ओजस्वीपूर्ण सम्बोधन को सुना। शाम के समय आमारियों का जुलूस निकाला गया, जिसमें ताजियों को पुरसा दिया गया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
ककरौली में नियाज मेंहदी के आवास पर अरबईन की मजलिस का आयोजन किया गया। जिसका आगाज हसन अली सम्भलहेडा द्वारा सौज़ख्वानी कर किया गया। शारजाह से आए मौलाना जैगमुर रिजवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सत्य और असत्य का संघर्ष सदैव चलता रहा है, जिसमें सत्य को हमेशा ही मुसीबतें उठाकर संघर्ष करना पडा है। करबला का वाक्या भी सत्य के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। असल में वही लोग कामयाब होंगे जो सत्य के लिए संघर्ष करेंगे। हजरत इमाम हुसैन व उनके जानशीनों की कुर्बानी ने सत्य के मार्ग को प्रशस्त करने का कार्य किया। अहिंसा के मार्ग पर चलकर शांति का संदेश इमाम हुसैन ने सारी दुनिया को दिया। इस्लाम शंाति, बराबरी, भाईचारे का संदेश देता है। इंसान अपने चरित्र को निखारने के लिए हजरत इमाम हुसैन से प्रेरणा लें। मजलिस में पुरूषों के अलावा महिलाओं ने भी भारी संख्या में भाग लिया। मजलिस में देश भर से शिया अकीदतमंदों ने भाग लिया। मजलिस के उपरांत क्षेत्र से शिया समाज में शोक की समाप्ति हो गई। शाम के समय आमारियों का जुलूस निकाला गया। कार्यक्रम के संयोजक नियाज मेंहदी रहे। इसके अलावा अली अब्बास जैदी, नजफ ए हिन्द जोगीपुरा के सदर इरम अली जैदी, शाने रजा, जरगाम रजा, एहतशाम रजा, अली अब्बास पीरू, रियाज अब्बास, डॉ. जिया आलम, काशिफ रजा, मुनव्वर जैदी, मुमताज चेयरमैन, जिल्ले हसनैन, एड0 नसीर काजमी, रौनक अली, अजीम आदि ने शिरकत की। वहीं सुरक्षा को लेकर एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव, सीओ देवव्रत वाजपेई, थानाध्यक्ष सुनील कसाना पुलिस बल के साथ तैनात रहे।