मुजफ्फरनगर।
मां-बाप की डांट से क्षुब्ध होकर 8 साल का बच्चा घर से भाग कर पहुंच गया था मुजफ्फरनगर, चोरी के मामले में जेल में था बंद जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा व उनकी टीम द्वारा 15 ,16 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार युवक के परिजनों को ढूंढा व जेल बुलवाकर बच्चे और उसकी मां का कराया मिलन जेल अधीक्षक सहित अधीनस्थ अधिकारी भी हो गए भावुक।
दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर जेल का हे जी हां अब तक आपने फिल्मों में देखा होगा कि मेले, ट्रेन हादसों और अन्य मामलों के चलते बच्चे अपने माँ बाप और परिजनों से बिछड़ जाते थे और बाद में जवान होकर अपने मां-बाप को भावुकता के साथ मिल जाया करते थे, यह नजारे तो फिल्मों में होते रहे हैं लेकिन आज जो वास्तविक नजारा हम आपको दिखाने जा रहे हैं वह एक सच्ची घटना है जहां उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर की जेल में बन्द एक युवक के साथ कुछ फ़िल्मी मगर सच्ची घटना घटी जेल में बन्द युवक करीब 13, 14 साल पूर्व जब उसकी उम्र लगभग 8 वर्ष रही होगी अपने बाप की डांट से क्षुब्ध होकर घर से फरार हो जाता है और भागकर जनपद मुज़फ्फरनगर पहुंच जाता है । यहां गलत हाथों में पड़कर धीरे-धीरे 8, 9 साल का बच्चा 22,23 साल का हो जाता है और फिर एक दिन चोरी के मामले में जेल चला जाता है जहां उसकी मुलाकात जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा से होती है जो प्रतिदिन की भांति जेल में बंद सभी बन्दियों के साथ मुलाकात कर उनकी वास्तविकता, उनका हाल-चाल एवं अन्य बातें रोज किया करते थे
जैसे ही सीताराम शर्मा की नजर उक्त युवक पर पड़ती है तो वह उसे बहुत ही प्यार स्नेह के साथ बातचीत करते हैं और उससे उसके घर का था पता मालूम करते हैं युवक द्वारा अपना पता बताए जाने और भविष्य में अपराध ना करने की बात पर जेल अधीक्षक के दिल में मानो एक दया भाव जागृत होती है और वह उस युवक को उसके परिजनों से मिलाने का बीड़ा उठा लेते हैं जिसके चलते जेल अधीक्षक एवं उनकी टीम लगभग 15 ,16 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद युवक के घर पते को मालूम कर लेती है और उसके परिजनों को जेल में बुला उससे मिला देती है ।
जेल पर पहुंची युवक की मां सावित्री देवी का कहना है कि हमें तो मालूम ही नहीं था कि हमारा बिछडा हुआ बच्चा हमें इस हाल में और इस तरह मिलेगा माँ तो मां होती है अपने बच्चे अपने लाल को देखकर मां की आंखें भर आई और इस तरह एक मां और बेटे के मिलन को देखकर जेल अधीक्षक सहित अधिनिस्थ अधिकारियों कर्मचारियों की भी आंखें नम हो गई और भावुकता के गहरे भवर में सभी भावुक हो गए।
यहां पहुंची सावित्री देवी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए जानकारी देते हुए बताया कि यह हमारा बच्चा 8 साल की उम्र में कौशाम्बी जिला पूर्व में इलाहाबाद से अपने पिता की डांट से घर से भाग आया और लापता हो गया और आज वह अपने लाल से यहां जेल पर आकर मिली है सावित्री देवी ने बावुक होते हुए कहा कि मुझे बहुत खुशी हुई है अपने बेटे से मिलकर लेकिन उससे भी ज्यादा खुशी इस बात की है कि जैसे जेल अधीक्षक व उनकी टीम ने मेहनत करके एक मां से उसके लाल को मिलाया है मैं इन्हें उनकी टीम को आशीर्वाद देना चाहूंगी कि उनके बच्चों को भी कभी कोई काटा ना चुभ पाये और यह भी अपने बच्चों के साथ हंसी खुशी रहे आज ये मेरे लिय भगवान की तरह हे ।
उधर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने भी जानकारी देते हुए बताया कि देखिए हम हर शनिवार और सोमवार को परेड करते हैं बन्दियों से मिलते हैं मुलाकात करते हैं उनसे उनके हाल-चाल के साथ दुख तकलीफों पर भी बातें करते हैं हमें यह युवक मिला जब इससे पूछताछ की गई तो वह ज्यादा तो कुछ नहीं बता पाया लेकिन अपने गांव और अपने पिता का नाम जरूर उसने बताया क्योकि जिस उम्र में वह घर से भाग आया था उस उम्र में तो बच्चे भूल भी जाते है इसके बाद हम लोगों ने अपनी टीम के साथ उसके गांव उसके शहर का पता किया।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि काफी मशक्कत हुई करीब 15, 16 दिन के बाद हम उसके परिजनों तक पहुंचे हमारी टीम द्वारा उसके परिजनों को जानकारी दी गई और आज उसके भाई और उसकी मां यहां इसको मिलने आए हैं जिस वक्त मां अपने पुत्र से मिल रही थी वह समय काफी भावुकता वाला था हमारी टीम अधिनिस्थ अधिकारी कर्मचारी और मैं खुद इस पूरे मामले को देखकर भावुक हुए हैं।
जेल संकल्पता के चलते हमारा प्रयास रहा कि युवक को समझा बुझाने काउंसलिंग करने में हम लोग कामयाब रहे क्योंकि अगर वह जेल से छूट जाता तो फिर से उन लोगों के ही चंगुल में फंस जाता और फिर से चोरी चकारी के काम में लग जाता। लेकिन जेल संकल्पता एवं शासन स्तर से जेलों में चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत ही आज हम लोग कामयाब हुए हैं और इस युवक को इसकी मां इसके परिवार से मिलाया है अब आगे उम्मीद करते हैं कि यह जब भी जेल से छूटे तो सही राह पर जाए और सही दिशा में अपना आगे का जीवन और काम शुरू करें
मां ओर बेटे के मिलन के दौरान जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा जेलर राजेश सिंह व डिप्टी जेलर हेमराज व सीओ मेघा सहित कई जेल अधिकारी मोजूद रहे सभी की आंखे मां बेटे के मिलन पर नम हो गयी।