Saturday, August 19, 2023

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ब्रांच मुज़फ़्फ़रनगर महिला विंग द्वारा हरियालीतीज समारोह का आयोजन।

मुजफ्फरनगर।
हरियाली तीज हिन्दू धर्म से जुड़ा है एक महत्वपूर्ण त्योहार है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था। शास्त्रों की मानें तो भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने 108 जन्म लिए थे। उत्तर भारत में इस उत्सव के खूबसूरत रंग देखे जा सकते हैं। इस दौरान कुंवारी और शादिशुदा स्त्रियों हाथों में मेहंदी लगाती हैं, चटक रंग के कपड़े पहनती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस पर्व में उपवास यानी वर्त का भी विधान है।रीति-रिवाजों के मुताबिक बहुएं मायके से आए वस्त्रों और श्रृंगार की वस्तुएं धारण करती हैं, जिसे सिंधार कहा जाता है। इस दौरान घर पर तरह-तरह पकवान बनाए जाते हैं। इस दौरान लड़कियां झुला भी झुलती हैं, साथ ही लोक नृत्य-संगीत का भी आयोजन किया जाता है। 
हरियाली तीज में मेहंदी का खास महत्व है, जिसके बिना न सोलह श्रृंगार पूरा हो सकता है, न ही यह तीज का त्योहार। तीज से एक दिन पहले महिलाएं और कुंवारी युवतियां अपने हाथों और पैरों में खूबसूरत मेहंदी रचाती हैं, जो उनके इस दिन को खास बनाने का काम करती है।
इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इंडीयन मेडिकल एसोसिएशन, ब्रांच मुज़फ़्फ़रनगर परिवार ने भी डॉ ललिता माहेश्वरी के निर्देशन में यह त्योहार पूरे जोरशोर से कल शाम स्थानीय होटल में आयोजित किया।जिसमें कि सभी मुख्य महिला चिकित्सकों व अन्य सभी सदस्यों की महिला परिवारजन  ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रंग बिरंगे परिधान पहनकर खूब सजधजकर इसमें शामिल हुई  महिला सदस्यों ने अपने हाथों में सुंदर सुंदर मेहंदी भी लगा रखी थी। इसमें विभिन्न सदस्यों द्वारा  डान्स भी किया  लिया गया। मंच का संचालन डॉ ललिता माहेश्वरी ने बड़े ही दिलचस्प अन्दाज़ में किया l 
समारोह में मुख्य रूप से डॉ नूतन जैन डॉ विनीता सिंघल, डॉ मंजु प्रभाकर, डॉ सुनीता जैन,डॉ डॉ अंजु गर्ग, डॉ रश्मि गोयल , डॉ दीप शिखा जैन, डॉ निधि गौड़, डॉ मंजुल गौड़, डॉ मंजु गुप्ता, डॉ पूजा चौधरी, डॉ ईना, डॉ रूपम गुप्ता,डॉ दीप्ति अग्रवाल , डॉ रेणु अग्रवाल, डॉ ऋचा गर्ग, साधना गर्ग ,  बीटा मारवाह , दीपा शर्मा , कविता कुमार डॉ निधि मलिक, डॉ वंदना जैन, सोनिया लूथरा , भावना सिंघल, रश्मि ठकराल,आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे l