मुजफ्फरनगर, जेएनएन। किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई के विरोध में भाकियू ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय पर हंगामा किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने विभाग पर तालाबंदी कर अधिकारियों, कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। कार्यकर्ता कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन और प्रदूषण बोर्ड को खेतों में जल रही पराली या कृषि अपशिष्ट सेटेलाइट से नजर आ रहे हैं, लेकिन रबड़, पॉलीथिन के साथ अनेक प्रतिबंधित ईधन फूंकने वाली फैक्ट्रियां नहीं दिखाई दे रही हैं। अधिकारियों ने किसानों पर जुर्माना लगाकर खेती-किसानी की तौहीन की है।
जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने कहा कि 21 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना वसूलने के लिए अधिकारी शोषण कर रहे हैं। जनपद में अनेक फैक्ट्रियों में पॉलीथिन, रबड़ के साथ जूते-चप्पल जल रहे हैं, इन पर कार्रवाई नहीं होगी। धरने पर पहुंचे राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अनेक जनपदों में किसानों के खिलाफ मुकदमे और जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। सेटेलाइट केवल किसानों को पकड़ रही है, कूड़ा जलाने वाले लोगों और प्रदूषण फैला रही इकाइयों को नहीं देख रही है। किसान धूल, धुआं और धुंध सहकर अन्न उगाता है। उसकी मेहनत को अधिकारी बदनाम कर रहे हैं। किसान जेल जाने को तैयार है, मगर जुर्माना किसी भी सूरत में नहीं देगा। इस दौरान करीब तीन घंटे तक प्रदूषण बोर्ड कार्यालय भाकियू ने कब्जाए रखा। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार मौके पर पहुंचे और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान मांगेराम, कपिल सोम, विकास, मोहम्मद महकार, अशोक कुमार, संजीव पवार, विकास शर्मा, धर्मेंद्र मलिक, नीरज पहलवान, दीपक चौधरी आदि मौजूद रहे।